
किसानों क़ो बताया गया ऑयल पाम खेती के फायदे
बलौदाबाजार :– कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर सीईओ जिला पंचायत दिव्या अग्रवाल की अध्यक्षता में बुधवार क़ो जिला पंचायत के सभागार में नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल ऑयल पॉम का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिले के किसानों क़ो ऑयल पाम खेती के फायदे एवं सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के बारे में जानकारी दी गई।
ऑयल पॉम के कंपनी प्रियूनिक एशिया प्राईवेट लिमिटेड के अधिकारी द्वारा उत्पादन संबंधी समस्त क्रियाकलापों एवं विक्रय से संबंधित विस्तृत जानकारी कृषकों को देते हुए बताया कि प्रति हेक्टेयर 143 नग ऑयल पॉम पौधे हेतु 29000 रूपये अनुदान प्रदाय किया जाता है साथ ही प्रथम वर्ष से चतुर्थ वर्ष तक रखरखाव, उर्वरक खाद आदि हेतु भी अनुदान राशि प्रदान की जाती है। ऑयल पॉम की खेती से वार्षिक उत्पादन प्रति एकड़ 10 से 12 टन उत्पादन होता है।उत्पादन के लिए न्यूनतम मजदूरों की आवश्यकता होती है। ऑयल पॉम की खेती हेतु प्रति हेक्टेयर पहले 4 वर्षों में 25000 से 30000 हजार प्रति वर्ष (भूमि की तैयारी, पौध रोपण, सिंचाई, खाद इत्यादि) अनुमानित लागत आता है। उसके पश्चात 4 से 6 वर्ष में प्रति हेक्टेयर खरीदी मूल्य 18351 प्रति टन के आधार पर रूपये 70,000 से 2,70,000 रूपये तक अनुमानित आय भी प्राप्त होता है। अनुबंधित संस्था द्वारा उत्पादन का क्रय किया जाना अनिवार्य होता है। खरीदी दर पर 100 प्रतिशत उत्पादन खरीदी कंपनी की जवाबदारी होगी, अन्य तिलहन की तुलना में ऑयल पॉम में 5 से 6 गुना अधिक तेल उत्पादन होती है।
इस संबंध में दुर्ग जिले के प्रगतिशील किसान देवांगन ने ऑयल पॉम की खेती के बारे में अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि 40 हजार प्रति एकड़ प्रत्येक माह आय प्राप्त होता है। कार्यशाला में सभी अधिकारी, कर्मचारी एवं कृषकों द्वारा प्रोत्साहित किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य ईशान वैष्णव,उपसंचालक कृषि दीपक नायक, सहायक संचालक उद्यान आभा पाठक, अनुविभागीय अधिकारी कृषि जयइन्द्र कंवर, अवधेश उपाध्याय, कृषि विज्ञान केन्द्र से डॉ.सविता राजपूत, डॉ. सागर आनंद पाण्डेय, स्वाति ठाकुर सहित उद्यान विभाग के अधिकारी-कर्मचारी,कृषक संगठन, कृषक एवं ऑयल के अनुबंधित कंपनी के अधिकारी उपस्थित थे।