
नई दिल्ली :– एनटीपीसी लिमिटेड की अनुसंधान एवं विकास शाखा ने एमएसडब्ल्यू/कृषि अपशिष्ट के प्लाज्मा ऑक्सी गैसीफिकेशन तकनीक का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की शुरुआत की है। स्थापित होने पर, यह विश्व स्तर पर एक अनूठा संयंत्र होगा, जिसमें एमएसडब्ल्यू-आरडीएफ/कृषि अपशिष्ट के प्लाज्मा सहायता प्राप्त ‘ऑक्सी गैसीफिकेशन’ से ‘बहुत उच्च गुणवत्ता वाली सिंथेटिक गैस’ का उत्पादन किया जाएगा, जिसमें से उच्च शुद्धता वाले हाइड्रोजन (>99.9%) को ‘गैस झिल्ली’ और ‘प्रेशर स्विंग एडसोर्प्शन’ के एक नए विन्यास का उपयोग करके अलग किया जाएगा।
यह प्रदर्शन संयंत्र लगभग 25 टन प्रतिदिन एमएसडब्ल्यू/कृषि अपशिष्ट को गैसीफाई करके लगभग 1 टन प्रतिदिन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। इसके अलावा ‘हाइड्रोजन रिकवरी सिस्टम’ से अलग किए गए ‘कार्बन-मोनो-ऑक्साइड’ का उपयोग कम कैलोरी वाले गैस इंजन का उपयोग करके बिजली बनाने के लिए किया जाएगा।
यह उल्लेख किया जा सकता है कि इलेक्ट्रोलिसिस के अलावा, जो एक अत्यधिक ऊर्जा गहन प्रक्रिया (55-60 kWh/kg H2) है, एमएसडब्ल्यू/कृषि-अपशिष्ट का गैसीकरण और सुधार ही हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने का एकमात्र तरीका है। यह अत्याधुनिक तकनीक ऊर्जा संक्रमण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अनुसंधान परियोजनाओं को शुरू करने और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करने के लिए NETRA की प्रतिबद्धता और ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ मॉडल को अपनाने के लिए NTPC की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। यह NTPC ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) के लिए एक नया रास्ता खोलता है, जो हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में NTPC की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।