
कोरबा :– जल जीवन मिशन के तहत बनाए जा रहे उच्च जलागार (पानी की टंकी) अब सुरक्षा के गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। कई ग्रामीण इलाकों में बिना बाउंड्री वॉल के बनी ये टंकियां हादसों को न्योता दे रही हैं। खासकर, स्कूल परिसरों में बनी टंकियों की सीढ़ियां खुली होने के कारण छोटे बच्चे उस पर चढ़ते-उतरते नजर आ रहे हैं, जो उनकी सुरक्षा और भविष्य के साथ खिलवाड़ जैसा है।
स्कूल परिसरों में बनी टंकियां बच्चों के लिए बड़ा खतरा
कई स्कूल परिसरों में बाउंड्री वॉल के भीतर पानी की टंकियां बनाई गई हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं किया गया है। टंकियों की सीढ़ियां पूरी तरह खुली हुई हैं, जिससे छोटे बच्चे खेल-खेल में उस पर चढ़ जाते हैं। इस तरह की लापरवाही किसी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकती है। बच्चों की चंचलता और ऊंचाई से गिरने का खतरा प्रशासन की उदासीनता को उजागर करता है।
ग्रामीण इलाकों में ‘सेल्फी पॉइंट’ बनी टंकियां, बढ़ रहा हादसों का खतरा
ग्रामीण इलाकों में भी बिना बाउंड्री वॉल की टंकियां युवाओं के लिए सेल्फी पॉइंट बन गई हैं। युवा ऊंचाई पर बैठकर मोबाइल चलाते और फोटो खींचते नजर आते हैं, जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है। प्रशासन की अनदेखी और सुरक्षा मानकों की अनदेखी से यह स्थिति और गंभीर होती जा रही है।
पाली में हाई वोल्टेज ड्रामा, युवती ने टंकी पर चढ़कर मचाया हड़कंप
हाल ही में नगर पंचायत पाली के नया बस स्टैंड टावर मोहल्ले में इस खतरे का गंभीर असर देखने को मिला। परिजनों से विवाद के बाद एक युवती आत्महत्या के इरादे से पानी की टंकी पर चढ़ गई। घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई।
सूचना मिलते ही पाली पुलिस मौके पर पहुंची। युवती को नीचे उतारने के लिए एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की मदद मांगी गई। स्थानीय साहसी युवकों ने धीरे-धीरे टंकी पर चढ़कर युवती को समझाने का प्रयास किया। एक युवक ने पीछे से पकड़कर युवती को सुरक्षित किया, जिसके बाद उसे नीचे उतारा गया।
युवती को 108 एंबुलेंस की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पाली ले जाया गया, जहां उसकी स्थिति सामान्य बताई जा रही है। इस साहसी कार्य के लिए स्थानीय युवाओं की जमकर सराहना हो रही है।
प्रशासन को जल्द उठाने होंगे कदम
इस घटना ने बिना सुरक्षा बाउंड्री वाली पानी की टंकियों की खतरनाक स्थिति को उजागर कर दिया है। अगर समय रहते सुरक्षा उपाय नहीं किए गए, तो आने वाले समय में कोई बड़ी दुर्घटना प्रशासन की लापरवाही को बेनकाब कर सकती है।
अब सवाल उठता है कि जल जीवन मिशन के तहत ठेकेदारों को दिए गए टेंडर में सुरक्षा के उपाय क्यों नहीं जोड़े गए? यदि टेंडर में बाउंड्री वॉल शामिल है, तो ठेकेदार इसे बनाने में लापरवाही क्यों कर रहे हैं?
प्रशासन को चाहिए कि:
✔ स्कूल परिसरों में बनी पानी की टंकियों की सुरक्षा की तुरंत समीक्षा की जाए।
✔ खुले सीढ़ियों को बंद करने और बाउंड्री वॉल अनिवार्य करने के आदेश जारी किए जाएं।
✔ ग्रामीण इलाकों में बनी टंकियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए।
अगर समय रहते इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा प्रशासन की अनदेखी की पोल खोल सकता है।