
कोरबा-दोंदरो :-– शिक्षा के प्रति समर्पण और समाज सेवा की भावना से ओतप्रोत निशा कंवर, एक ऐसी प्रेरणादायक शिक्षिका हैं, जो नि:शुल्क शिक्षा देकर अपने गांव के बच्चों के भविष्य को संवार रही हैं।
निशा, जो वर्तमान में बी.ए. अंतिम वर्ष की छात्रा हैं, ने जुलाई 2024 से अपने गांव में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। उनके इस सफर की शुरुआत गांव में शिक्षा की गिरती स्थिति और शराब की समस्या से प्रभावित बच्चों को एक नई दिशा देने की इच्छा से हुई।
निशा का उद्देश्य केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है; वह बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान देती हैं। उनके मार्गदर्शन में प्रिय और दिव्या जैसे कई बच्चे शैक्षणिक रूप से उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं।
निशा का मानना है कि शिक्षा के माध्यम से बच्चे गरीबी और उपेक्षा के दुष्चक्र को तोड़ सकते हैं और एक उज्जवल भविष्य की नींव रख सकते हैं।गांधी फेलो पल्लवी पंकज के सहयोग से यह मिशन और भी सशक्त हो पाया है। बतौर पिरामल फाउंडेशन की स्वयंसेवक, वह अपनी सेवा निःस्वार्थ भाव से जारी रखे हुए हैं। उनकी इस अद्भुत पहल को हाल ही में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीरा साहू ने सराहा और सम्मानित किया।
निशा कंवर की यह कहानी हमें यह याद दिलाती है कि छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। उनकी निःस्वार्थता, करुणा और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता न केवल उनके गांव बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है।
आइए, हम सब निशा के इस अभूतपूर्व कार्य की सराहना करें और उनके प्रयासों को सलाम करें!