
बलौदाबाजार :– प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी 24 मार्च को विश्व क्षय दिवस जिले भर के जिला अस्पताल,सी एच सी ,पी एच सी,आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में मनाया गया। इस अवसर पर रंगोली, आम जनता एवं चिकित्सा स्टाफ द्वारा टीबी मुक्त भारत बनाने की शपथ ,नर्सिंग कॉलेज के छात्रों द्वारा नुक्कड़ नाटक सहित जिले में संक्रमण की पहचान के लिए सीवाई टीबी विधि से जाँच का भी शुभारंभ किया गया । आये हुए मरीजों की काउन्सिलिंग सत्र आयोजित कर उन्हें दवाई खाने,जरूरी सावधानियां रखना बताया गया साथ ही मरीजों को जिला रेडक्रॉस समिति के माध्यम से पोषण आहार भी वितरित हुआ ।
जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं प्रभारी क्षय रोग डॉ राजेश कुमार अवस्थी के अनुसार टीबी एक संक्रामक रोग है जिसके बैक्टेरिया हवा के माध्यम से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं तथा अनुकूल अवसर मिलने पर रोग प्रकट हो सकता है। अस्सी प्रतिशत केसों में यह शरीर के फेफड़ों को प्रभावित करता है जबकि शेष बीस प्रतिशत में यह शरीर के अन्य किसी अंग जैसे हड्डी ,आँतों, ह्रदय, आंख, मस्तिष्क ,गर्भाशय आदि में भी हो सकता है। फेफड़े में टीबी होने पर लंबे समय तक खांसी, बलगम आना ,शाम को पसीने के साथ हल्का बुखार,वजन में कमी,भूख न लगना ये कुछ लक्षण दिखाई पड़ते हैं जबकि अन्य अंगों में टीबी के लक्षण अलग अलग हो सकते हैं । ऐसे व्यक्ति जो ध्रूमपान ,शराब का सेवन करते हैं, शुगर ,बीपी ,एच आई वी से ग्रसित हैं एवं जो कुपोषित हैं वह टीबी रोग के संक्रमण के दायरे में रहते हैं इसके अतिरिक्त यदि परिवार में भी किसी को टीबी हो जाए तो घर के सदस्यों को भी यह खतरा बना रहता है । परिवार के सदस्यों को बचाव हेतु अलग से दवाई निःशुल्क दी जाती है।
पूरे देश में इस समय प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान जारी है जिसके तहत इस वर्ष देश से टीबी का उन्मूलन किया जाना है। जिले में टीबी रोग की जांच हेतु माइक्रोस्कोप द्वारा बलगम की जांच,एक्स रे तथा जीन एक्सपर्ट मशीन की सुविधा उपलब्ध है जो पूरी तरह से नि:शुल्क है। जाँच में रोग पाए जाने पर डॉट्स के 6 माह के कोर्स से मरीज ठीक हो जाता है । टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत कई प्रकार की गतिविधियां भी की जा रही हैं। जैसे 7 दिसम्बर 2024 से लेकर 23 मार्च 2025 तक जोखिम समूहों हेतु निक्ष्य निरामय अभियान किया गया। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा मरीज को पोषण सहयोग प्रदान करने हेतु निक्षय पोषण योजना के तहत उन्हें प्रति माह एक हज़ार की सहायता राशि नगद खाते में ट्रांसफर की जाती है । टीबी मुक्त भारत का एक प्रमुख घटक टीबी मुक्त पंचायत भी है जिसमें इस वर्ष जिले की 182 पंचायतें टीबी मुक्त हो गई हैं। इसके अतिरिक्त टीबी मुक्त भारत में समुदाय की सहभागिता एवं सहयोग के लिए निक्षय मित्र की अवधारणा भी प्रचलित है जिसके तहत समाज का कोई सक्षम व्यक्ति निक्षय मित्र बन मरीज को पोषण सहायता प्रदान कर उसकी टीबी से लड़ने में मदद कर सकता है ।
सी वाई टीबी जांच – यह एक त्वचा परीक्षण है जो टीबी संक्रमण का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है । शरीर में यदि टीबी के जीवाणु हैं और उसका लक्षण प्रकट होने से पूर्व पता लगा लिया जाए तब न केवल समुदाय में टीबी रोग के प्रसार को रोका जा सकता है बल्कि रोग की जल्दी पहचान होने पर मरीज का सही समय पर उपचार भी किया जा सकता है । प्रथम चरण में यह जाँच डॉक्टर सहित जितने भी स्वास्थ्य कर्मी है उनके लिए की जा रही है।