
कोरबा :– कोरबा जिले की चुईया, रंजना, डिंडोलभांठा, पंडरीपानी, छुरीखुर्द, धनरस, जेंजरा, जवाली और हुंकरा ग्राम पंचायतों में किशोरीवाड़ी की स्थापना एक प्रेरणादायक पहल के रूप में की गई है। पिरामल फाउंडेशन के पब्लिक सिस्टम प्रोजेक्ट (PSP) के अंतर्गत शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य किशोरियों और महिलाओं को सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
ग्राम पंचायतों ने इस पहल का पूरे मनोयोग से समर्थन किया है। चुईया ग्राम पंचायत के सरपंच शिवराज सिंह राठिया और पंच सदस्य; रंजन ग्राम पंचायत की सरपंच ममता मरकाम और पंच सदस्य; जेंजरा ग्राम पंचायत के सरपंच बजरंग सिंह बिंझवार और पंच सदस्य; डिंडोलभांठा ग्राम पंचायत की सरपंच प्रमिला कंवर और पंच सदस्य; हुंकरा ग्राम पंचायत की सरपंच गणेश्वरी कंवर और पंच सदस्य; धनरस ग्राम पंचायत के सरपंच लक्ष्मीकांत कंवर और पंच सदस्य; पंडरीपानी ग्राम पंचायत की सरपंच छतन बाई और पंच सदस्य; तथा जवाली ग्राम पंचायत के सरपंच दिनेश कंवर और पंच सदस्य ने किशोरीवाड़ी के गठन और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस पहल में दृष्टि फाउंडेशन, हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया, आरोग्य परियोजना और स्त्रोत जैसे NGO भागीदारों का भी सहयोग रहा है, जिन्होंने किशोरियों और महिलाओं को मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान किए।
इन पंचायतों ने न केवल किशोरियों को एक मंच प्रदान किया, बल्कि उनका आत्मीय स्वागत भी किया। किशोरीवाड़ी समिति के गठन के साथ, पंचायत भवनों में किशोरियों के लिए सुरक्षित स्थान, कक्षा कक्ष, बैनर और रजिस्टर जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई गई हैं। पंचायतों का यह प्रयास दर्शाता है कि वे किशोरियों को समान अधिकार और सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
किशोरियों की सक्रियता और आत्मनिर्भरता
आज, 9 ग्राम पंचायतों की 135 किशोरियाँ समिति की सक्रिय सदस्य बन चुकी हैं। वे मोहल्ला कक्षाएँ चला रही हैं, सुबह की व्यायाम कक्षाएँ आयोजित कर रही हैं, स्कूल और आंगनवाड़ी में सहयोग कर रही हैं, और ड्राइंग, मेहंदी, रंगोली जैसी रचनात्मक गतिविधियों में भाग ले रही हैं। इसके साथ ही, वे सामुदायिक कोष भी जुटा रही हैं, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है।
समिति के नेतृत्व में भी किशोरियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। रंजन ग्राम पंचायत से संगीता, मनीषा महंत, काजल और कुसुमलता; धनरस ग्राम पंचायत से रागिनी कंवर और अरुण देवांगन; चुईया ग्राम पंचायत से अंजलि और प्रीति; डिंडोलभांठा ग्राम पंचायत से चित्रलेखा और मनीष यादव; जवाली ग्राम पंचायत से लक्ष्मी कंवर और किरण कंवर; पंडरीपानी ग्राम पंचायत से बृहस्पति सारथी और गायत्री सोनी; हुंकरा ग्राम पंचायत से उमा कंवर और श्रुति सागर; छुरीखुर्द ग्राम पंचायत से अनुसूईया और जया हंस; तथा जेंजरा ग्राम पंचायत से खुशबू राज, मुस्कान और रिया ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में नेतृत्व संभाला है।
सहयोग और मार्गदर्शन
इस पहल को सफल बनाने में महिला एवं बाल विकास विभाग और पिरामल फाउंडेशन के सहयोग की अहम भूमिका रही है। महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षिकाएं अन्नपूर्णा सिंह, रश्मि शर्मा और हेमलता पाटिल ने निरंतर मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान किया है। इसके अतिरिक्त, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और सक्रिय महिलाएँ भी किशोरीवाड़ी को सशक्त बनाने में अपना योगदान दे रही हैं।
प्रेरणादायक बदलाव
किशोरीवाड़ी की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि जब पंचायत और समुदाय एकजुट होकर काम करते हैं, तो सामाजिक बदलाव संभव है। किशोरियाँ आज आत्मविश्वास से भरपूर हैं, अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं, और समाज में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं।
इस तरह की पहल न केवल किशोरियों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि अन्य पंचायतों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं।