
खैरागढ़ :– सिविल अस्पताल मे पदस्थ लेखापाल के खिलाफ मेडिकल बिल निकालने के नाम पर पैसे मांगने के आरोप को लेकर सिविल अस्पताल परिसर आजकल अखाड़े मे तब्दील हो गया है।। मेडिकल अवकाश के नाम पर पैसे मांगने संबंधी छग प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष हंसाराम वर्मा के शिकायत आवेदन पर जॉच चल रही है,जबकि दूसरी ओर जिलाध्यक्ष पर ही पद का दबाव बनाकर काम मे लापरवाही बरतने के मामले मे महीनो से शिकायत आवेदन पेंडिंग पड़ा हुआ है।। बाजार अतरिया पीएचसी मे पदस्थ सहायक ग्रेड तीन हंसाराम वर्मा पर छग स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का जिलाध्यक्ष होने के नाते अधिकारियो पर दबाव बनाने, कर्मचारियो को बेवजह परेशान करने और कार्य स्थल मे जिम्मेदारियो के निर्वहन मे लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है।। संघ की ओर से किए शिकायत आवेदन मे आरोपी बनाए गए लेखापाल कमलेश त्रिपाठी ने कहा कि उस पर संघ मे शामिल होने और मनमाफिक काम करने दबाव बनाने की नीयत से हंसाराम वर्मा द्वारा संघ के लेटर पैड का दुरूपयोग किया जा रहा है।। उन्होने आया रोहणी चंद्रवंशी से पैसे मांगने संबंधी आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि आया ने 3 जनवरी को अवकाश आवेदन देकर गई थी।। जबकि शिकायत आवेदन मे 4 जनवरी से अवकाश पर जाना बताया गया है ।। इसलिए आवेदन का पहला बिंदु ही पूरी तरह से निराधार है।। कमलेश त्रिपाठी ने कहा कि सालो से डीडीओ पॉवर नही होने के कारण ब्लाक के सभी स्वास्थ्य केंद्रो का संचालन राजनांदगॉव कार्यालय से होता है।। वही से अवकाश की स्वीकृति मिलती है, वही से वेतन आहरण होता है और वही से कटौती, एरियर्स, निलंबन संबंधी अन्य कारवाई की जाती है।।
निजी खुन्नस निकाल रहे जिलाध्यक्ष
लेखापाल कमलेश त्रिपाठी ने बताया कि मेडिकल अवकाश की स्वीकृति के लिए मेडिकल बोर्ड से 6 जून को फिटनेस सर्टिफिकेट पेश करने पर अवकाश स्वीकृति संबंधी कारवाई करने का निर्देश दिया गया था।। आया रोहणी चंद्रवंशी द्वारा प्रमाण पत्र जमा करने के बाद सीएचएमओ कार्यालय से 17 सितंबर को 111 दिनो का अवकाश संबंधी आवेदन मूल दस्तावेजो के साथ कारवाई के लिए प्रेषित किया गया।। उन्होने कहा कि विभाग के नियमो को दरकिनार कर जिलाध्यक्ष हंसाराम वर्मा द्वारा आया को मेडिकल अवकाश स्वीकृत कराने और राशि आहरण करने दबाव बनाया गया, लेकिन मेरे मना करने के बाद संघ के लेटर पैड मे महिला कर्मचारी को सामने रखकर पैसे मांगने का निराधार आरोप लगा रहा है।। लेखापाल कमलेश त्रिपाठी ने बताया कि जिलाध्यक्ष के पुत्र द्वारा अस्पातल परिसर मे जनौष्धि केंद्र का संचालन किया जाता था।। लेकिन ब्रांडेड दवाईयो को बेचने की लगातार शिकायतो के बाद अस्पताल प्रबंधन से दुकान हटा दिया है,जिसके चलते हंसाराम वर्मा निजी खुन्नस निकालने आरोप लगा रहा है।।
विभागीय आदेश को दरकिनार कर जमे है दर्जन भर
सिविल अस्पातल परिसर मे कर्मचारियो के बीच आपसी मनमुटाव को लेकर पता चला है, कि यहॉ पदस्थ मूल कर्मचारियो का अगल अलग सीएचसी और पीएचसी मे काम करने वाले संलग्र कर्मचारियो के बीच काम और विभाग बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है।।20 मार्च 2014 और 25 अप्रैल 24 को स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग ने पत्र जारी कर संलग्र कर्मचारियो को छै महीने बाद मूल पदस्थापना वाली जगह पर वापस भेजने का आदेश जारी किया है,लेकिन वर्तमान मे सीएमएचओ मे लगभग आधा दर्जन कर्मचारी दो से तीन साल से विभागीय आदेश को धता बताकर जमे हुए है जिसके चलते मूल जगह पर कार्य प्रभावित हो रहा है।।
पद के उपयोग का आरोप सरासर ग़लत
लेखापाल द्वारा विभागीय काम काज के लिए पैसे मांगने की लगातार शिकायत मिलने के बाद जॉच की मांग की गई है।। मेरे उपर पद के दुरूपयोग का आरोप सरासर गलत है।। हंसाराम वर्मा जिलाध्यक्ष छग स्वास्थ्य कर्मचारी संघ* ।।
यतेन्द्र जीत सिंह “छोटू”, पी न्यूज़ ब्यूरो चीफ, खैरागढ़ -छुईखदान-गंडई जिला।।09425566035,06264569376..